पीपीएफ अकाउंट के नुकसान और फायदे? पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) खाता भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक लंबी अवधि की निवेश योजना है।
यह योजना सुरक्षित और स्थिर लाभ कमाने के लिए बहुत अच्छी है। पीपीएफ खाते में पैसा लगाने पर टैक्स में छूट मिलती है और ब्याज भी टैक्स फ्री होता है, जिससे यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प बनता है।
पीपीएफ अकाउंट क्या है?
पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) खाता एक दीर्घकालिक निवेश योजना है जो भारत सरकार ने शुरू की है। यह योजना उन लोगों के लिए है जो सुरक्षित और स्थिर लाभ कमाना चाहते हैं।
PPF खाते में निवेश करने पर टैक्स में छूट मिलती है और इसमें मिलने वाला ब्याज भी टैक्स-मुक्त होता है। इस योजना की खास बात यह है कि इसमें निवेश की गई राशि पर सरकार की गारंटी होती है, जिससे यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प बन जाता है।
पीपीएफ खाते की अवधि 15 साल होती है, जिसे 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है। इसमें आप हर साल कम से कम 500 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं।
ब्याज दर सरकार द्वारा हर तिमाही में निर्धारित की जाती है और वर्तमान में यह 7.1% प्रति वर्ष है।
ब्याज की गणना हर महीने की 5वीं और अंतिम तारीख के बीच की न्यूनतम शेष राशि पर की जाती है और इसे साल के अंत में खाते में जमा किया जाता है।
PPF account खोलने के लिए आप किसी भी पोस्ट ऑफिस या सरकारी बैंक में आवेदन कर सकते हैं। यह योजना न केवल आपको सुरक्षित रिटर्न देती है बल्कि आपके भविष्य को भी सुरक्षित बनाती है।
योजना का नाम | पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) |
शुरुआत | 1,968 |
न्यूनतम निवेश | ₹500 प्रति वर्ष |
अधिकतम निवेश | ₹1.5 लाख प्रति वर्ष |
अवधि | 15 साल (5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है) |
ब्याज दर | 7.1% प्रति वर्ष (वर्तमान) |
ब्याज की गणना | हर महीने की 5वीं और अंतिम तारीख के बीच की न्यूनतम शेष राशि पर |
कर लाभ | निवेश, ब्याज और परिपक्वता राशि कर-मुक्त |
खाता खोलने के स्थान | पोस्ट ऑफिस, सरकारी बैंक |
लोन सुविधा | 3 साल बाद उपलब्ध |
आंशिक निकासी | 7 साल बाद उपलब्ध |
पीपीएफ अकाउंट के नुकसान और फायदे?
पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) अकाउंट के कई फायदे और कुछ नुकसान भी हैं। आइए इन्हें सरल शब्दों में समझते हैं:
फायदे
- कर लाभ: पीपीएफ अकाउंट में जमा राशि, अर्जित ब्याज और परिपक्वता राशि तीनों पर कोई टैक्स नहीं लगता, जिससे यह एक आकर्षक निवेश विकल्प बनता है।
- सुरक्षित निवेश: यह योजना सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित और जोखिम-मुक्त है।
- लंबी अवधि का निवेश: पीपीएफ अकाउंट की अवधि 15 साल होती है, जिसे 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है, इसलिए यह लंबी अवधि के लिए अच्छा है।
- लोन सुविधा: पीपीएफ अकाउंट पर 3 साल बाद लोन लिया जा सकता है, जिससे यह एक लिक्विडिटी विकल्प भी देता है।
- आंशिक निकासी: 7 साल बाद आंशिक निकासी की सुविधा मिलती है, जिससे आप जरूरत के अनुसार पैसा निकाल सकते हैं।
नुकसान
- लंबी लॉक-इन अवधि: पीपीएफ अकाउंट की लॉक-इन अवधि 15 साल होती है, जो कुछ लोगों के लिए असुविधाजनक हो सकती है।
- निवेश की सीमा: पीपीएफ अकाउंट में हर साल अधिकतम ₹1.5 लाख ही जमा किया जा सकता है, जो ज्यादा निवेश करने वालों के लिए कम हो सकता है।
- ब्याज दर: पीपीएफ की ब्याज दरें बदलती रहती हैं और फिलहाल यह 7.1% है, जो कुछ अन्य निवेश विकल्पों से कम हो सकती है।
- समय से पहले बंद करना: पीपीएफ अकाउंट को 15 साल से पहले बंद करने पर कुछ शर्तें लागू होती हैं, जैसे गंभीर चिकित्सा उपचार या उच्च शिक्षा के लिए धन की आवश्यकता।
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निष्कर्ष
निष्कर्ष के तौर पर, पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) खाता भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक लंबी अवधि की निवेश योजना है। यह योजना सुरक्षित और स्थिर लाभ कमाने के लिए बहुत अच्छी है।
पीपीएफ खाते में पैसा लगाने पर टैक्स में छूट मिलती है और ब्याज भी टैक्स फ्री होता है, जिससे यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प बनता है।
पूछे जाने वाले प्रश्न
पीपीएफ फुल फॉर्म इन हिंदी?
पीपीएफ का फुल फॉर्म पब्लिक प्रोविडेंट फंड है, जिसे हिंदी में सार्वजनिक भविष्य निधि कहते है।
पीपीएफ में 15 साल बाद कितना पैसा मिलता है?
पीपीएफ में 15 साल बाद मिलने वाली राशि आपके निवेश और ब्याज दर पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, यदि आप हर महीने 500 रुपये निवेश करते हैं, तो 15 साल बाद लगभग 1.6 लाख रुपये मिल सकते है।
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